प्रिज्म तथा प्रिज्म से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण परिभाषाएं:-
•प्रिज्म:- दो त्रिभुजाकार तथा तीन आयताकार सतहों के मध्य पारदर्शी/समांगी माध्यम(Homogeneous or Transparent Medium) भरा हुआ हो, तो उस व्यवस्था को प्रिज्म कहते है।
अथवा
किसी कोण पर झुके दो अपवर्तक पृष्ठों (सतहों)(Refracting Surface) से घिरा पारदर्शी माध्यम प्रिज्म कहलाता है।
•अपवर्तक पृष्ठ:- प्रिज्म के जिन पृष्ठों से अपवर्तन होता है उन्हें प्रिज्म के अपवर्तक पृष्ठ(Refracting Surface) कहते है।
•प्रिज्म कोण:- दो अपवर्तक पृष्ठों के बीच का कोण प्रिज्म कोण या अपवर्तक कोण कहलाता है।
*(साधारणतः प्रिज्म कांच के बने होते है एवं त्रिकोण का प्रत्येक कोण 60° होता है किंतु विशेष कार्यों के लिए यह कोण 45°/90° का भी होता है।)
•मुख्य परिच्छेद:- अपवर्तक पृष्ठों के अभिलम्बवत किसी तल द्वारा काटे हुए परिच्छेद को प्रिज्म का मुख्य परिच्छेद (काट) कहते है।
•विचलन कोण:- प्रिज्म पर आधारित आपतित, अपवर्तन के कारण आधार की ओर झुककर बाहर निर्गत होती है। आपतित किरण एवं निर्गत किरण के मध्य कोण ही विचलन कोण कहलाता है।
•न्यूनतम विचलन कोण:- एक विशेष आपतन कोण के लिए विचलन कोण का मान न्यूनतम हो जाता है, इसे ही न्यूनतम विचलन कोण कहते है।
•प्रिज्म द्वारा अपवर्तन:-
PQ= आपतित किरण
QR= अपवर्तित किरण
RS= निर्गत किरण
𝛿 = विचलन कोण
∠A= प्रिज्म कोण
∠i1= आपतन कोण
∠i2= निर्गत कोण
∠Q =∠i1-∠r2 (∠i1 के सापेक्ष शीर्षाभिमुख)
∠R=∠i2-∠r1 (∠i2 के सापेक्ष शीर्षाभिमुख)
By Rectangle AQER
∠A+90°+∠QER+90°=360°
∠A+∠QER= 180°
∠A= 180°-∠QER ......(1)
By ∆QER
∠r1+∠QER+∠r2=180°
∠r1+∠r2=180°-∠QER .....(2)
By Eq (1) &(2)
∠r1+∠r2= ∠A .....(3)
By ∆OQR
𝛿= (∠i1-∠r1)+(∠i2-∠r2) (बहिष्कोण)
𝛿=∠i1+∠i2-∠r1-∠r2
𝛿=(∠i1+∠i2)-(∠r1+∠r2)
By eq (3)
𝛿=(∠i1+∠i2)-∠A .....(4)
स्पष्टत: विचलन कोण आपतन कोण पर निर्भर करता है।
यदि हम आपतन कोण ∠i1 के विभिन्न मान लेकर इस प्रयोग को दोहराए व प्रत्येक बार विचलन कोण 𝛿 का मान ज्ञात करे तो हम पाते है कि आपतन कोण ∠i1 के विभिन्न मानो के लिए विचलन कोण 𝛿 भी भिन्न-भिन्न प्राप्त होता है।
-प्रारंभ में ∠i1 के मान के साथ 𝛿 (विचलन कोण) का मान कम होता है तथा एक विशेष आपतन कोण ∠i1 के लिए 𝛿 (विचलन कोण) का मान न्यूनतम हो जाता है, अब यदि ∠i1 के मान को बढ़ाए तो 𝛿 (विचलन कोण) का मान भी पुनः बढ़ना प्रारंभ हो जाता है।
आपतन कोण के विभिन्न मानों व उनसे प्राप्त विचलन कोणों के मध्य निम्न प्रकार का ग्राफ प्राप्त होता है:
स्पष्टत: किसी भी विचलन कोण के लिए आपतन कोण के दो मान है परंतु विचलन कोण की अवस्था में आपतन कोण का एक ही मान संभव है अर्थात जब
𝛿=𝛿m .......(5)
(𝛿m=𝛿 minimum)
अतः ∠i1=∠i2 =∠i (let). .......(6)
इस स्थिति पर आपतित किरण व निर्गत किरण का झुकाव प्रिज्म से बराबर होता है,तथा अपवर्तित किरण QR आधार BC के समांतर होती है अर्थात -
∠r1=∠r2 =∠r (let) ......(7)
By equation (3)
∠A= ∠r1+∠r2
By equation (7)
∠A=∠r+∠r
∠A= 2∠r
∠r = ∠A/2 .....(8)
By equation (4)
d= (∠i1+∠i2)-∠A
By equation (5) & (6)
𝛿m= (∠i+∠i)-∠A
𝛿m= 2∠i-∠A
∠i= [𝛿m +∠A]/2 ......(9)
अपवर्तनांक की परिभाषा से :-
μ = Sin(∠i/∠r) (where μ=n2/n1)
By equations (8) & (9)
n2/n1 = {sin(𝛿m+∠A)/2}/{sin(A/2)}
इस सूत्र से प्रिज्म के पदार्थ (कांच) का अपवर्तनांक ज्ञात कर सकते है।
"छोटे कोण के प्रिज्म अर्थात: पतले प्रिज्म के लिए dm(विचलन कोण) भी काफी कम होता है अतः छोटे कोणों के लिए"
Sinθ~θ
अतः
μ = {(𝛿m+∠A)/2}/{∠A/2}
μ = (𝛿m+∠A)/∠A
μ∠A = 𝛿m+∠A
μ∠A-∠A = 𝛿m
𝛿m = ∠A(μ-1)
यह प्रिज्म के पदार्थ के अपवर्तनांक, न्यूनतम कोण , व विचलन कोण में। संबंध है।
*Important Questions:-
1. विचलन कोण का मान किन -किन कारकों पर निर्भर करता है?
-प्रिज्म के पदार्थ के अपवर्तनांक पर
-प्रिज्म कोण ∠A पर
-आपतन कोण पर
-आपतित प्रकाश के वर्ग पर
2. विचलन कोण का मान ,आपतन कोण पर किस प्रकार निर्भर करता है?
-आपतन कोण बढ़ने पर पहले विचलन कोण घटता है तथा न्यूनतम होकर पुनः बढ़ने लगता है ।
3.न्यूनतम विचलन कोण की स्थिति की विशेषताएं।
- आपतन कोण ∠i1=निर्गत कोण∠i2
-अपवर्तन कोण (प्रथम पृष्ठ)∠r1=आपतन कोण(द्वितीय पृष्ठ)∠r2 में संबंध:-
∠r1=∠r2=∠A/2
-प्रिज्म के अंदर किरण आधार के समांतर होती है।
4.प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक किस सूत्र से ज्ञात कर सकते है?
- μ= {sin(𝛿m+∠A)/2}/{sin(A/2)}
5.न्यूनतम विचलन कोण का सूत्र बताइए।
- 𝛿m = ∠A(μ-1)
•प्रिज्म पर आधारित MCQ प्रश्नोत्री:-
1. एक समबाहु प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक √3 है तो उत्पन्न न्यूनतम विचलन कोण:-
(a) 30° (b) 45° (c) 90° (d) 60°
2. एक प्रिज्म के पदार्थ का लाल रंग के लिए अपवर्तनांक 1.58 है तो इसके लिए विचलन कोण होगा,जबकि प्रिज्म कोण 2° है:-
(a) 1.10 (b) 1.14 (c) 1.16 (d) 1.12
3. प्रिज्म एक बहुफलकी है जिसके पाश्र्वफलक होते है -
(a) वृत (b) त्रिभुज (c)समांतर चतुर्भुज (d) सम चतुर्भुज
4. n=√3 कांच के प्रिज्म का न्यूनतम विचलन कोण इसके अपवर्तन कोण(𝛿m=∠A) के बराबर है तो प्रिज्म कोण है:-
(a) 60° (b) 90° (c)45° (d) 30°
5. किसी प्रिज्म के लिए न्यूनतम विचलन कोण की शर्त है-
(a) 1>∠i2 (b) ∠i1=∠i2 (c)∠i1<∠i2 (d)∠i1+∠i2=90°
उत्तरमाला
1.(d) 60°
2.(c) 1.16
3(c)समांतर चतुर्भुज
4(a) 60°
5(b) ∠i1=∠i2
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