Class 12 Interference Of Light Wave,Mathematical Interpretation, Constructive and Destructive Interference

 Interference Of Light(प्रकाश का व्यतिकरण):-

प्रकाश का व्यतिकरण अध्यारोपण के सिद्धांत पर आधारित है जब लगभग समान आवर्ती और लगभग समान आयाम की दो प्रकाश तरंगे किसी माध्यम में एक साथ तथा एक ही दिशा में संचारित होकर अध्यारोपित होते है तो माध्यम के किन्ही बिन्दुओं पर तीव्रता अधिकतम तथा किन्ही पर तीव्रता न्यूनतम आती है, यह घटना व्यतिकरण कहलाती है।

व्यतिकरण की आवश्यक शर्ते:-

(1) दोनों प्रकाश स्रोत कला समबद्ध होने चाहिए अर्थात इनसे उत्सर्जित तरंगों के मध्य कलान्तर समय का साथ नियत होना चाहिए।
(2) दोनो तरंगों से प्राप्त तरंगों की आवर्ती तथा तरंगदैर्घ्य बराबर होनी चाहिए।
(3) दोनों तरंगों के आयाम बराबर या लगभग बराबर होने चाहिए। इससे विनाशी व्यतिकरण की स्थिति में पूर्ण अंधेरा होता है तथा फ्रिन्जों के मध्य विपर्यास (Contrast) अच्छा होता है,जिससे व्यतिकरण प्रतिरूप स्पष्ट दिखाई देता है।
(4) दोनों तरंगे समान दिशा में संचरित होनी चाहिए। 
(5) यदि प्रकाश तरंगे ध्रुवित हो तो इनके ध्रुवण तल एक ही तल में होने चाहिए,तथा दोनों प्रकाश स्रोत अति निकट होने चाहिए।
(6) दोनों प्रकाश स्रोत या स्लिट की चौड़ाई अत्यंत संकीर्ण होनी चाहिए।
(7) तरंगों के मध्य पथान्तर अधिक नहीं होना चाहिए। 

व्यतिकरण की गणितीय विवेचना:-

माना व्यतिकरण करने वाली दो तरंगों की कोणीय आवर्ती ω है तथा इनके आयाम क्रमशः a तथा b है जो की लगभग समान है
y1 = asinωt                 .....(1)
y2 = bsin(ωt+Φ)        .....(2)

आध्यारोपण के सिद्धांत से
y = y1+y2
y = asinωt+bsin(ωt+Φ)
             जहां {Sin(A+B)= SinA.cosB+ CosA.SinB}
y = asinωt+b[sinωt.cosΦ+cosωt.sinΦ]
y = asinωt+ bsinωt.cosΦt+ bsinΦ.cosωt
y = sinωt (a+bcosΦ)+ bsinΦ.cosωt  ......(3) 

Consider
a+bcosΦ = Rcosθ           .....(4)
bsinΦ      = Rsinθ           .....(5)

समीकरण 4 & 5 का दोनो पक्षों में वर्ग करके योग करने पर
R²cos²θ+R²sin²θ = (a+bcosΦ)² + (bsinΦ)²
R² (sin²θ+cos²θ) = (a+bcosΦ)² + (bsinΦ)²
R² = a²+ b²cos²Φ+2abcosΦ + b²sin²Φ         ...(6) 
R² = a² + 2abcosΦ + b²(sin²Φ+cos²Φ)
R² = a²+b²+2abcosΦ
R  =  √(a²+b²+2abcosΦ)           ....(7)

यह परिणामी तरंग का आयाम ज्ञात करने का सूत्र है।

परिणामी की तीव्रता:-

तीव्रता आयाम के वर्ग के समानुपाती होती है।
           अतः         I∝R²
                            I = KR²    .....(8)
                           I1=Ka²     ......(9)
                           I2= Kb²    .....(10)
समीकरण 6 को K से गुणा करने पर
KR² = Ka²+ Kb²cos²Φ+2KabcosΦ + Kb²sin²Φ

समीकरण 8,9,10 से मान रखने पर
I = I1+I2 cos²Φ + 2(√I1)(√I2)cosΦ + I2 sin²Φ
I = I1+I2+2(√I1)(√I2)cosΦ          ....(11)

व्यतिकरण के प्रकार:-

(1) समपौषी व्यतिकरण:-

जब दो या दो से अधिक तरंगे एक ही कला में अध्यारोपित होकर उनके मध्य कालांतर का मान शुन्य अथवा का पूर्ण गुणज होता है तो समपौषी व्यतिकरण होता है। इस स्थिति में विस्थापन तथा तीव्रता का मान अधिकतम होता है।      

                        
इसके लिए आवश्यक शर्त है कि - कालांतर (n= 0,1,2....)
कालांतर Φ = 0, 2π, 4π, 6π......2nπ (2π का पूर्ण गुणज)
                                              पथान्तर (n=0λ,1λ,2λ...)
पथान्तर  x = 0, λ, 2λ, 3λ........nλ     (λ का पूर्ण गुणज)

By equation 7
R = √(a²+b²+2abcosΦ)              (जहां Φ =0)
R = √(a²+b²+2ab)
R = √(a+b)²
Rmax= a+b

By equation 11

I = I1+I2+2(√I1)(√I2)cosΦ           (जहां Φ =0)
Imax = √I1+√I2+2(√I1)(√I2)
Imax = (√I1+√I2

(2) विनाशी व्यतिकरण:-

जब व्यतिकरण करने वाली तरंगे विपरीत कला में मिलती है तो विनाशी व्यतिकरण की घटना होती है। इस अवस्था में परिणामी आयाम व तीव्रता का मान न्यूनतम होना चाहिए।
                           अथवा
जब दो तरंगे विपरीत कला में अध्यारोपित होती है अर्थात कालांतर का मान π का विषम गुणज होता है तो परिणामी आयाम व तीव्रता न्यूनतम होती है, इस स्थिति में विनाशी व्यतिकरण उत्पन्न होता है।

विनाशी व्यतिकरण में कलांतर 
Φ = π, 3π, 5π .......(2n+1)π या (2n-1)π
तथा cosΦ = -1 होगा।
अतः 
परिणामी आयाम
R² = a²+ b²+2abcosΦ               {by equation 7}
R² = a²+b² - 2ab                         {cosΦ = -1}
R² = (a-b)²
Rmin = (a-b)

विनाशी व्यतिकरण में पथान्तर
x = λ/2,  3λ/2 , 5λ/2 .........[(2n+1)λ]/2

परिणामी तीव्रता
I = I1+I2+2(√I1)(√I2)cosΦ         {by equation 11}
I = I1+I2 -2(√I1)(√I2)                  {cosΦ = -1)
Imin = [(√I1)-(√I2)]²


कालांतर व पथान्तर में संबंध -

Φ = (2πx)/λ

परिणामी की दिशा ज्ञात करना -

By equation (4) & (5)
Rcosθ = a+bcosθ         
Rsinθ = bsinΦ
 
-भाग करने पर
(Rsinθ) / (Rcos θ) = (bsinΦ)/(a+bcosΦ)
tanθ = (bsinΦ)/(a+bcosΦ)           
θ = tan-¹ [(bsinΦ)/(a+bcosΦ)]

आंकिक प्रश्नों के लिए-         (याद रखने योग्य)
Imax∝R²max=KR²max
Imin∝R²min =KR²min

व्यतिकरण से संबंधित अभ्यास प्रश्न

(1) व्यतिकरण करने वाली तरंगों की अधिकतम व न्यूनतम तीव्रताओं का अनुपात 25:9 है, तो इनकी तीव्रताओं का अनुपात होगा -

हल:- Imax/Imin = 25/9 = (a+b)²/(a-b)²
         (a+b)²/(a-b)² = 25/9
         (a+b)/(a-b)   = 5/3
वज्र गुणा करने पर
        3a+3b = 5a-5b  
          5a-3a = 5b+3b
               2a = 8b
              a/b = 4/1
           I1/I2 = a²/b² = (4/1)²
           I1/I2 = 16/1 = 16:1 ans.
          

(2) व्यतिकरण करने वाली दो तरंगों के आयाम क्रमशः 4 व 5 है, समपौषी व्यतिकरण व विनाशी व्यतिकरण की अवस्था में तीव्रताओं का अनुपात होगा -

हल:-               a/b = 4/5
  Imax/Imin = (a+b)²/(a-b)²
  Imax/Imin = (4+5)²/(4-5)²
  Imax/Imin = 8/1
  Imax/Imin = 8:1 ans.

(3) 2:8 की तीव्रता अनुपात में दो कला समबन्द्ध स्रोत व्यतिकरण प्रतिरूप उत्पन्न कर रहे है,अधिकतम व न्यूनतम तीव्रता के क्या मान होंगे ?

हल:-           I1/I2 = 2/8
                  I1/I2 = 1/4
              वज्र गुणा करने पर
                     4I1 = I2       .......(1)
Imax/Imin = (√I1+√I2)²/(√I1-√I2)² ......(2)
 
(√I1+√I2)² = (√I1)²+(√I2)²+2(√I1)(√I2)
                                           ( I2 = 4I1) by equation 1
(√I1+√4I1)² = (√I1)²+(√4I1)²+2(√I1)(√4I1)(√I1+√4I1)²= I1 + 4I1 + 4I1
(√I1+√4I1)² =9I1       ......(3)

इसी प्रकार
(√I1-√I2)² = (√I1-√4I1)² 
                                          ( I2 = 4I1) by equation 1

(√I1-√4I1)² =(√I1)²+(√4I1)²-2(√I1)(√4I1)
(√I1-√4I1)² = I1 + 4I1 - 4I1
(√I1-√4I1)² = I1             .....(4)
     
समीकरण (3) व (4) के मान समीकरण (2) में रखने पर
Imax/Imin = 9I1/I1 = 9:1 ans.


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